हम मैं और तुम कैसे हो गए
जिस्म और जान जुदा हो गए
हम मैं और तुम कैसे हो गए, कैसे हो गए।
दर्द मेरा, आह तुम्हारी थी
दिल मेरा और चाह तुम्हारी थी
मैं और तुम की खुदगरजी में कैसे खो गए
हम, मैं और तुम कैसे हो गए
हमने ख्वाबों का इक हसीन जहाँ बनाया था
प्यार से सँवारा, मोहब्बत से सजाया था
दर्द मेरा और आह तुम्हारी थी
दिल मेरा और चाह तुम्हारी थी
अपने सपने बेगाने कैसे देखो हो गए
हम मैं और तुम कैसे हो गए।
वफा के वादे वह कसमें हमारी थीं
गिले शिकवे की वह रस्में हमारी थीं
दर्द मेरा आह तुम्हारी थी
दिल मेरा और चाह तुम्हारी थी
वह महल चाहत के, खंडहर कैसे हो गए
हम मैं और तुम कैसे हो गए
जिस्म और जान जुदा हो गए
हम मैं और तुम कैसे हो गए।